समाज (प्रजापति) में दानदाताओं की कोई कमी नही समाज के नाम पर हर वर्ष समाज का करोडों रुपये, किसी मन्दिर,धर्मशाला या अन्य आयोजनों के नाम पर दान पेटी में जाता हैं। राजस्थान प्रदेश कि बात करें तो मारवाड क्षेत्र में एक कुम्हार!प्रजापति समाज की पट्टी में आपकों समाज का मन्दिर मिलेगा। भारत का तकनीकि शहर बैंगलुरु में मुझे दो बार जाने का अवसर मिला।बैंगलुरु के चारों हिस्सो में प्रजापति समाज के संगठन कार्य कर रहे है। जिनमें से एक संगठन ने कोटनपेट व दूसरे ने कुत्तुनूरधिचें में एक वर्ष पूर्व समाज के करोडों रुपयों का संग्रह कर श्रीयादे माता मन्दिरों की स्थापना की। मन्दिरो से किसी को लाभ हुआ या नही पर मुझे दुःख है कि अगर इतने रुपयों का निवेश समाज की युवा पीढ़ी की शिक्षा पर खर्च किये जाते तो समाज को कई नये इंजिनियर,डाँक्टर और अधिकारी तैयार होटल जो समाज के साथ_साथ देश के विकास में भी अहम भूमिका निभाते।
दान देते समय कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखे।
1. आप के दान का पुण्य तभी आपको मिलेगा जब उसका लक्ष्य पवित्र होगा।
2. दान देते समय यह विचार नही करना चाहिए की इससे समाज में आपका नाम कितना होगा।
3.दिये गये दान का सही जगह तथा पूर्ण इस्तेमाल हुआ है या नही इसका अवश्य ध्यान रखे।
4. समाज में असामाजिक तत्वों के कारण कई बार आपका दान गलत हाथों में चला जाता ।
दान देकर इतिश्रीकर लेना समाज के विकास को पिछे की ओर धकेलता है,अगर आपके दान दिये धन से कोई अपराधी या गलत संगत को चला जाता है तो इसके दोषी भी आप ही होंगे।
समाज के होनहार विधार्थी की सहायता कीजिए,समाज की बालिकाओं को शिक्षित होने में सहयता कीजिए।मुर्ति मन्दिरो से आपकों दुआएँ न जाने कब मिलेंगी पर बालिकाओं, कमजोर समाज के विधार्थियों की सहायता करने में आपकी आत्मा को शांति व शुकुन अवश्य प्राप्त होगा।
“जय प्रजापति समाज”
“श्री रामरतन जी गोविन्दगढ़”
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