चला हूँ अकेला,
राह में साथ किसी का मिल जायेगा ।
देख समाज की दशा,
आशा है सुलगता दिया कोई मिल जायेगा ।
बातों में पुल बाँधते,
डूबने से है अछा, कोई किनारा मिल जायेगा ।
पैंसठ के हुये नेता,
मिट्टी को रौंदंता युवा कोई राह में मिल जायेगा।
"जय श्री प्रजापति समाज"
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