बुधवार, 31 जनवरी 2018

क्या यह सही है?

भगवान प्रेम का भूखा है उसे तो एक मुठी प्रसाद से प्रेम से भोग लगायेंगे तो प्रसन्न हो जाता है ।इतना धन खर्च! जनता खायेगी । पत्तल-दोना इतना आयेगा लोग खायेंगे पत्तल-दोना इधर उधर फेकेंगे फिर गायें,जानवर आयेंगे और इनको खायेगी!क्या यह सही है?
अरे इससे अच्छा तो इतना धन तो गायों के लिए कोई चारा-पानी के लिये नहीं देता क्या यह सही है?
         सोचने वाली बात है----------------

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