भगवान प्रेम का भूखा है उसे तो एक मुठी प्रसाद से प्रेम से भोग लगायेंगे तो प्रसन्न हो जाता है ।इतना धन खर्च! जनता खायेगी । पत्तल-दोना इतना आयेगा लोग खायेंगे पत्तल-दोना इधर उधर फेकेंगे फिर गायें,जानवर आयेंगे और इनको खायेगी!क्या यह सही है?
अरे इससे अच्छा तो इतना धन तो गायों के लिए कोई चारा-पानी के लिये नहीं देता क्या यह सही है?
सोचने वाली बात है----------------
अरे इससे अच्छा तो इतना धन तो गायों के लिए कोई चारा-पानी के लिये नहीं देता क्या यह सही है?
सोचने वाली बात है----------------
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